पर्वत उपरा रे मईया करेली बसेर
पर्वत उपरा रे मईया करेली बसेर
मन से जे पूजे ओकर हर लेली दुखवा
राखेली सवारी संघे शेर
पर्वत उपरा रे मईया करेली बसेर
पर्वत उपरा रे मईया करेली बसेर
जब जब धरती प पाप बढ़ी जाला
करेले संघार सब कष्ट मिट जाला
जब जब धरती प पाप बढ़ी जाला
करेले संघार सब कष्ट मिट जाला
जब जब भगतन प परेले बिपतिया
तनिको लगावेली न देर
पर्वत उपरा रे मईया करेली बसेर
पर्वत उपरा रे मईया करेली बसेर
सोनू कुंदन मन उनके में लागल
पूरा भईल सब जे भी माई से मांगल
सोनू कुंदन मन उनके में लागल
पूरा भईल सब जे भी माई से मांगल
लाल बाबू गावेले आके भजनीय
सँझिया सवेरे दुनु बेर
पर्वत उपरा रे मईया करेली बसेर
पर्वत उपरा रे मईया करेली बसेर