स्थाई।
तेरे आगे मोल हुर परियां का घट रया सै
आज टूटन दे घुँघरू तन्ने किस बात के ख़तरा सै
1.अंतरा
हो गात् तोड़ के धर दे सारा बेशक आपा खोंण दे
तेरी एडी का खुड़का आज यो दिल्ली तक रे होंण दे
आमीन बड़ोदी आला भी ना पाछे हटरया से ।।
आज टूटन दे घुँघरू तन्ने किस बात के ख़तरा सै
2.अंतरा
मार घमोड़े कटखाणी तु पतली कमर हिला कै ने
सहज़ सहज़ ढूंगे लागगण दे चयारों तरफ घूमाके ने
हों न्यू लागण दे पतंग जणुं यो ढोर तै कटरया सै
आज टूटन दे घुँघरू तन्ने किस बात के ख़तरा सै
3.अंतरा
सिट्टी पै सिट्टी बाजण दे तु लागण दे किलकी छौंरयां की
तेरे नाम का रुक्का पाटेगा तु छोड़ फिकर रै औंरा की
हों सारा दंगल आज तनने देखण ने डटरया से
आज टूटन दे घुँघरू तन्ने किस बात के ख़तरा सै