Pagli Ke Sanura - Lyrics

Singer: Vijay Chauhan

मुखड़ा:
ज़िद्द कके जीत गइनी दिल मुश्किल आईल केतनो तबो प्यार कइनी।
पगली रे तोरा सेनुरा से हार गईनी।
घरवा से गारी हम सुननी हज़ार कईबार तोरा खातिर मार कइनी।
पगली रे तोरा सेनुरा

अंतरा १:
समझ ना पईनि हम पहेलिया समइया कहाँ मुड़तावे।
कँहवा से आईल उ बहेलिया चिरइया लेके उड़तावे।
तिलिया के बार लेहब देहिया के जार झूठे किरिया हज़ार बार खईनी।
पगली रे तोरा सेनुरा

अंतरा २:
मानवा में अपना करतानी कल्पना सपना मुंई नु रे।
फेन हम जाइब श्मशानवा सजानवा ओने छुई नु रे।
तेज रहे धार डूबल नइया हमार मझधार में से नाही पार पईनि।
पगली रे तोरा सेनुरा