दरदिया दरदिया
राजाजी के तुरल देहिया
राते से काहे मनवा मरले बाड़ू मरले बाड़ू,
लागे पीया संगे जंग लड़ले बाड़ू लड़ले बाड़ू।
राते से काहे मनवा मरले बाड़ू मरले बाड़ू,
लागे पीया संगे सेज पर लड़ले बाड़ू लड़ले बाड़ू।
लोरवा से भींजल तोहार गलिया गोरे गोर
राजाजी के तुरल देहिया, दरदिया करे पोरे-पोर,
राजाजी के तुरल देहिया, दरदिया करे पोरे-पोर।
राजाजी के तुरल देहिया,
तुरल देहिया,
साइयाँ के संगे माजा लुटले होखबू ,
ओखरी में धान तुहुं कुटले होखबू। इहो पुछे वाला बात ह ।
माजा में राजा दे देहले साजा,
भर गईल मन त कहले जा जा।
माजवा त तुहु लेले होइबू थोड़े -थोड़।
राजाजी के तुरल देहिया, दरदिया करे पोरे-पोर
राजाजी के तुरल देहिया, दरदिया करे पोरे-पोर।
राजाजी के तुरल देहिया
दरदिया दरदिया
पति तोहार धरती उकुडले होई,
कवनो गतर नाही छोड़ले होई…. अरे चुप रहअ …छोड़ले होई।
टुनटुन शंकर पुरे देह देले तोरे,
काटी के रह गईले दांते अंगूरी।
बथता अलंगिया बोलअ तोहर कवना ओर अरे बाग
राजाजी के तुरल देहिया, दरदिया करे पोरे-पोर
राजाजी के तुरल देहिया, दरदिया करे पोरे-पोर।
राजाजी के तुरल देहिया
अरे का कहीं हो