लागे बुरा जैसे सपना कोई
सपने में खोया है अपना कोई
टूटेगी निंदिया मैं जग जायूंगा
तुझको मैं अपने ही संग पायूंगा
बहना मेरी, ओ मायी री
जब भी पुकारा, तू आयी थी
अपना जन्म, बलिदान दिया
मुझको ये जीवन, दान किया!
ऐसे ना थी, करनी रे,
तेरी विदाई, भगिनी रे
जिनमें तू संग थी, क्यों उन पालो का,
मोल ही समझा नहीं
अब तो अपना, सब कुछ लुटा के,
पल वो मिलेंगे नहीं
बेहना मेरी, देख मुझे, आँख खोल ना,
ऐसे काहे, रूठी है तू, कुछ तो बोल ना,
सदा सदा सिर पे मेरे, तेरा हाथ था,
होना था मगर नहीं मैं, तेरे पास था
ऐसे ना थी, करनी रे,
तेरी विदाई, बहना रे!